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मंगलवार, 12 सितंबर 2017

रोजी कै बात कर

 

रोजी कै बात कर रोटी का बात कर.
 गरीब हें निपरदा लगोटी कै बात कर।।

 त्रहि त्राहि मची ही पानी कै देस मां

, नाहक न बहैं पाबै टोंटी कै बात कर।।

 भरे कंठ माही बिक्ख नीलकंठ बन,

 समाज माही सीलासपोटी कै बात कर।।

 भले कल्लाथै पै कुतकुती तो ही,

 भउजाई केर चींथी चिकोटी कै बात कर।।

 जे आने क खनिस गड़बा आपै सकाय गा,

 नीकी हेर निंदा न खोटी कै बात कर।।

 बलार के गरे मां घंटी न बांध हंस

 पिंजरा बंद मिठ्ठू चित्रकोटी कै बात कर।। 

 हेमराज हंस भेंड़ा मैहर मप्र ९५७५२८७४९०

दार महँगी है खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी ।

        *लोकगीत  * दार महँगी  है  खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी  ।    भाव     सुनत  मा    लागय   ठुसका।। दार महँगी  ।।     किधनव  बनाउब  पान...