बिन कालर कै सल्ट
पता नही कउने जघा को कर दे इंसल्ट
घर से निकरा पहिर के बिन कालर कै सल्ट। ।
हेमराज हंस 9575287490
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
जेखे आंखर बने हें, जनता के स्वर दूत। बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।। सादर ही शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत। करत रहै लेखनी सद...