बहुत बड़े धर्मात्मा बड्डे धन्ना सेठ।
पै ओखर नोकर रहैं बपुरे भूखे पेट।।
हेमराज हंस
पै ओखर नोकर रहैं बपुरे भूखे पेट।।
हेमराज हंस
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
जेखे आंखर बने हें, जनता के स्वर दूत। बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।। सादर ही शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत। करत रहै लेखनी सद...