यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 27 जून 2016

धौं पुन आपन धइना देखा।।

 बघेली लोक साहित्य
--------------------------
पहिले भइलो अईना  देखा। 
धौं  पुन आपन धइना  देखा।। 
चश्मा केर पोंछि  के धूधुर  
जनता केर तरइना देखा। । 
हेमराज हंस 

कोई टिप्पणी नहीं:

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...