मन मेहदी अस जब रचा आँखिन काजर कोर ।
सामर सामर हाथ मा जइसा गदिया गोर।।
खजुलइया लइके मिला जब बचपन का प्रेम।
आँखिन से झांके लगा समय चित्र का फ्रेम। ।
साहब सलाम औ पैलगी गूंजै राम जोहर।
अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। ।
भाई चारा प्रेम का खजुलइयां तिउहार।
बढ़ै अपनपौ देश मा मेल-जोल बेउहार। ।