बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
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रविवार, 25 सितंबर 2022
बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : जइसा नहा मा फांस
बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : जइसा नहा मा फांस: नेता जी के नाव से उभरै चित्र सुभाष। अब के नेता लगि रहें जइसा नहा मा फांस।।
शनिवार, 24 सितंबर 2022
शुक्रवार, 23 सितंबर 2022
बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : अपना के तेल मा
बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : अपना के तेल मा: अपना के तेल मा खरी अस जनाथी। या सम्बेदना मसखरी अस जनाथी।। जे डबल रोटी का कलेबा करा थें उनही अगाकर जरी अस जना थी। ।
मंगलवार, 13 सितंबर 2022
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बघेली लोक साहित्य जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। अशगुन लये बऊआ बइठ है। । इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ ...
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पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे...
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BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita नाती केर मोहगरी ''आजा'' जुगये आस कै... : बघेली कविता www.baghelisahitya.co...
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बघेली लोक साहित्य जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। अशगुन लये बऊआ बइठ है। । इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ ...
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बघेली कविता www.baghelisahitya.com --------------------------------------------------------------------------------------------- शहर ...
बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।।
जेखे आंखर बने हें, जनता के स्वर दूत। बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।। सादर ही शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत। करत रहै लेखनी सद...