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रविवार, 16 अगस्त 2020

रविवार, 9 अगस्त 2020

जो भउजाई बांख न होय

 
भाई  अस  दूसर  नही  जो  भउजाई  बांख  न  होय। 
बाउर अस है वा समाज जेखर आपन भाख न होय। । 
देस कै   जनता  नेम  प्रेम  भाई चारा  से  रहि  तो  लेय 
जो हमरे देस मा नफरत कै कारी  अँधिआरी पाख न होय। ।

शनिवार, 8 अगस्त 2020

कबिता बड़ी लोलार Rimhi kavita hemraj hans

हमरे भारत देस मा कबिता बड़ी लोलार। 
छत्रसाल राजा बने कबिता केर कहार।। 

मन माही माहुर भरे Rimhi kavita hemraj hans

मन माही माहुर भरे मुंह मिसरी अस मीठ। 
अपना के बेउहार का लगै कहूं न डीठ।। 

करोना

पूरी दुनिया कइ रही जउने रंझ बिलाप। 
कारन लुच्चा चाइना गुड़ का कोल्हू बाप।। 

बिस्व मा हाहाकार है धरी मउत कै सीन ।
वाखर जुम्मेदार है घिनहा घाती चीन।। 

दुस्ट चाइना बिस्व मा छोड़िस अइसा गाज। 
त्राहि त्राहि जनता करै किलपै सकल समाज।। 

जातिवाद ह्याराथें रिमही बघेली

उंइ भस्मासुर मा जातिबाद ह्यारा थें।
राजनीत बोमैं का रेती मा खाद ह्याराथें।। 
बड़े गभुआर हें लोकतंत्र के लुच्चा 
कुलटन के बस्ती मा मरजाद ह्याराथें।। 

बेसाही सरकार का रुतबा Rimhi kavita

बेसाही सरकार का रुतबा नही रहे। 
जइसा कठपुतरी मा सुतबा नही रहै।। 
भले पूजा जिंद बरम बीस ठे खबीस 
पै हनुमान चलीसा बांचा ता भुतबा नही रहै।। 

बेल पत्र गंगा जली rimhi kavita hemraj hans

बेल पत्र गंगा जली चाउर चंदन रास। 
शंकर जी पूजैं लगा भारत सामन मास।। 

5 अगस्त 2020 अयोध्याअजोध्या

जय जय पाबन अबध कै जय जय भारत बर्ष। 
मंदिर के निरमान का जन जन मा है हर्ष।। 

कृष्णपक्ष भादव दुइज का दिन सुभ भा बाह।
 जब  पूंछी  इतिहास     ता  देई  वहै   गवाह।। 

सदिअन के बलिदान का आजु मिला तै मान। 
अबधपुरी मा सुरू भा मंदिर का निरमान।। 

केत्तेव पुरखा गुजरिगें लये हिदय मा हूक। 
आजु तृप्त भै आतिमा लउलितिया कै भूख।। 

अपने रीत रिबाज से ओही आबै बास। 
ज्याखर गुरुद्वारा हबै चीनी दूताबास।। 

राम देस के प्रान औ राम राष्ट के गर्व। 
राम ऋचा ऋग्वेद कै साम यजुर्व अथर्व।। 

अब भादों के चउथ का होय दुइज से ईस। 
वा कलंक ढोउत फिरै या सुभ सुदिन रहीस।। 

पुन स्थापित अबध मा राम सहित सब अंस। 
पूरी दुनिया कइ रही जय जय भारत बंस।। 

भले करोना काल है, पै संबत सुभ नीक। 
पूर पांच सै बरिस मा अबध कै भै तस्दीक।। 

निर्मल गाँव Rimhi kavita

हमरे देस मा होइ चुके अइसा निर्मल गाँव। 
लोटिआ  लै बाहर  चलीं  बहू  बराये  पांव।। 

सोमवार, 20 जनवरी 2020

हम सामर तैं गोर फलनिया rimhi kavita

तै लगते इन्दौर फलनिया 

हम सामर तैं गोर फलनिया।
बड़ी मयारू मोर फलनिया। । 

जीवन के ताना -बाना कै । 
तैं सूजी हम डोर फलनिया। । 

हम रतिया भादव महिना कै । 
तैं फागुन कै भोर फलनिया। । 

रिम झिम रिम झिम प्रेम के रित मा । 
हम मेघा तैं मोर फलनिया। । 

हम हन बिंध अस  ठगे ठगे  । 
तैं लगते इन्दौर फलनिया। । 

हिरदय भा कोहबर अस बाती । 
जब हंस से भा गठजोर फलनिया। । 


बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।।

जेखे  आंखर  बने  हें,  जनता  के स्वर दूत। बंदन  है  जयराम जी, बिन्ध्य  के बानी पूत।।  सादर  ही  शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत। करत रहै लेखनी सद...