बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
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सोमवार, 26 जनवरी 2015
बघेली कविता
बघेली कविता htpp;//baghelihemraj.blogspotbagheli sahitya
हमरे घर के आगी का
बदला नाव बैसुन्दर होइगा।
जे आने का हड़पिस हीसा
ओही आज भगन्दर होइगा। ।
लोभ दिहिन उई बन के बदरी
फसल जमी ता निचंदर होइगा। ।
बन गा सोने का मृग मामा
औ साधू दसकंधर होइगा। ।
पुन के छली जई अब वृंदा
आतताई जलंधर होइगा। ।
चुहकै लगे ख़ून जनता का
उनखर पेट सिकंदर होइगा। ।
जहा समाती है सब नदिया
वाखर नाव समन्दर होइगा
हेमराज त्रिपाठी
गुरुवार, 22 जनवरी 2015
bagheli_hemraj@hotmail.com
मुक्तक
माघ के ठाही मा गरमी कहाँ से आय गै।
सभ्भ घराना मा बेशर्मी कहाँ से आय गै। ।
कमल के तलवा मा बेसरम के फूल
कड़क मिजाजी मा नरमी कहाँ से आय गै। ।
हेमराज त्रिपाठी
बुधवार, 21 जनवरी 2015
बघेली कविता htpp;//baghelihemraj.blogspot.in
काल्ह मिला एक ठे प्रत्याशी।
मिलनसार कर्मठ मृदु भाषी। ।
ईमानदार औ खूब जुझारू।
पिये रहा घुटकी भर दारू। ।
छरकाहिल जे रहा काल्ह तक
देखतै हमही सघराय लग।
तन से मुरइला मन से नाग। ।
मुँह मा लये बिदुरखी बासी।
काल्ह-----------------
व विकास कई करै न बात।
लगा गिनामै जात औ पात। ।
बाम्हन ठाकुर काछी पटेल।
राजनीत कस ख्यालै खेल। ।
पिछड़ा पन्द्रह और पचासी।
काल्ह ------------------
bagheli sahity
मुक्तक
आपन सहज बघेली आय।
अवधी केर सहेली आय। ।
विंध्य हबै ज्याखर अहिवात
ऋषि अगस्त्य कै चेली आय। ।
२
उई शहीद का बताउथें कालरा मा मरा है।
उनखे शहादत मा का धरा है। ।
सामान मा भें आंधर ता उनही देखाथे
हेन चारिव कई ती हरा भरा है। । htpp;//baghelihemraj.blogspot.com
मंगलवार, 20 जनवरी 2015
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: bagheli_hemraj@hotmail.comबघेली म...
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: bagheli_hemraj@hotmail.comबघेली म...: BAGHELI SAHITYA: bagheli_hemraj@hotmail.com बघेली मुक्तक काल्ह सड़क... : bagheli_hemraj@hotmail.com बघेली मुक्तक काल्ह सड़क मा लगिगा ...
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बघेली मुक्तक काल्ह सड़क...: bagheli_hemraj@hotmail.com बघेली मुक्तक काल्ह सड़क मा लगिगा जाम। गऊ माता करती है आराम। । लगा थै दूध नही अब देतीं ऐरा ढील दइ...
bagheli_hemraj@hotmail.com
बघेली मुक्तक
काल्ह सड़क मा लगिगा जाम।
गऊ माता करती है आराम। ।
लगा थै दूध नही अब देतीं
ऐरा ढील दइन घनश्याम। ।
हेमराज त्रिपाठी
रविवार, 18 जनवरी 2015
बघेली दोहा
बघेली दोहा
चाहे हेन ज्याखर रहै सत्ता औ सरकार।
कउन गडारी गाडरय नही बनाबै बार। ।
हेमराज हंस http;//baghelisahitya.com
चाहे हेन ज्याखर रहै सत्ता औ दरबार।
चाहे हेन ज्याखर रहै सत्ता औ दरबार।
चाहे हेन ज्याखर रहै सत्ता औ सरकार।
कउन गडारी गडराय नही बनाबै बार। ।
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गुरुवार, 15 जनवरी 2015
BAGHELI SAHITYA: दोहा राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग। हमरे भारत ...
BAGHELI SAHITYA: दोहा
राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग। हमरे भारत ...: दोहा राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग। हमरे भारत देस का कइसन हबई कुजोग। । हेमरा...
दोहा
राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग।
हमरे भारत देस का कइसन हबई कुजोग। ।
हेमराज त्रिपाठी htpp;//baghelihemrajblogspot.com
बुधवार, 14 जनवरी 2015
मुक्तक
पुन के भाई सघरय लाग्या। htpp;//baghelihemraj.blogspot.com
दबी मुदी मा उघरय लाग्या। ।
छी द परी ता बधे रह्या
उड़िला भा ता बगरय लाग्या। ।
हेमराज त्रिपाठी
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: baghelihemrajदेस मा अच्छे दिनन का...
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: baghelihemrajदेस मा अच्छे दिनन का...: BAGHELI SAHITYA: baghelihemrajदेस मा अच्छे दिनन का कइसा हबै सेवाद। ... : baghelihemraj देस मा अच्छे दिनन का कइसा हबै सेवाद। पता चला जब ...
मंगलवार, 13 जनवरी 2015
सोमवार, 12 जनवरी 2015
रविवार, 11 जनवरी 2015
गुरुवार, 8 जनवरी 2015
बुधवार, 7 जनवरी 2015
htts//baghelihemrajblongspot.com
कइसन चलै गिरस्ती मामा।
उतर गै सगली मस्ती मामा। ।
परछांई जब बढ़ई लाग् ता
समुझा दिन कइ अस्ती मामा। ।
सोमवार, 5 जनवरी 2015
BAGHELI SAHITYA: baghelihemrajदेस मा अच्छे दिनन का कइसा हबै सेवाद। ...
BAGHELI SAHITYA: baghelihemrajदेस मा अच्छे दिनन का कइसा हबै सेवाद। ...: baghelihemraj देस मा अच्छे दिनन का कइसा हबै सेवाद। पता चला जब लेंय गा खेतिहर खेती खाद। । http//baghelihemraj
baghelihemraj
देस मा अच्छे दिनन का कइसा हबै सेवाद।
पता चला जब लेंय गा खेतिहर खेती खाद। । http//baghelihemraj
गुरुवार, 1 जनवरी 2015
हम उनही दिल दइ दीह्न अब गुर्दा मागथे।
लम्बी उमर जिअय के निता अबर्दा मागथे। ।
उई रोज करथें नगदाय लोकतन्त्र के मंदिर मा
फेर जनता के बीच मा आय के परदा मागथे। ।
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