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शनिवार, 10 जून 2023

उमिर भै अस्सी पार तउ, रोगी हमैं बिचार।

 मनो  रोग  के  बैद से, कर  बाई    उपचार ।
उमिर भै अस्सी पार तउ, रोगी हमैं बिचार।। 
कर  बाई   उपचार, दृष्टि मा दोख है दददा।  
चीकन चांदन राह, लगै अपना का खडडा।। 
बलिहारी या समय का कइसा हबय कुजोग। 
जे हमार सम्माननीय ,ग्रस्त हें  मन के रोग। । 

 

सोमवार, 19 दिसंबर 2022

राबन जब राजा बना,

राबन  जब  राजा  बना,  दीन्हिस बनै कनून। 
जेखे टेक्स कै जर नहीं, वखार लइ ल्या खून।
वखार लइ ल्या खून चली न कउनव  वाठर।
जनता  का ल्या चूस बचै बस केबल ढाठर। 
डिग्गी  बज  गय देस भरे मा गांवन गांवन। 
गेट औ टटबा  एक भाव सब द्याखै राबन।। 
             हेमराज हंस      

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

 सरी ब्यबस्था गाँव कै,

 सरी  ब्यबस्था  गाँव कै, लीन्हे ही बइठान। 
ओखे  ऊपर  टेक्स का ,आबा है फरमान।। 
आबा  है  फरमान  बचै  न कउनव  जनता। 
चाह मड़इया बखरी हो या कोलिया खन्ता।। 
हंस कहिन अब उनहूँ का तो पलटी तकथा। 
लाद  रहें  जे  टेक्स  गाँव  के सरी ब्यबस्था। । 

शनिवार, 14 नवंबर 2015

जातिहाई का जानिगें उइ अटकर अंदाज।

जातिहाई का जानिगें उइ अटकर अंदाज। 
सुदिन देख ह्यराय चलें जब बिटिया का काज। । 
जब बिटिया का काज जबर है दइजा  नाहर। 
सुन दहेज़ का भाव थूंक न निकरै बाहर। । 
बिन दइजा  के बड़ मंशी का को अपनाई। 
हंस कहिन बस वोट के खातिर ही जातिहाई।। 
हेमराज हंस  

सोमवार, 1 जून 2015

bagheli kavita जनता जब पामै लगी जनधन बीमा लाभ।

कुण्डलिया 

जनता जब पामै  लगी जनधन बीमा लाभ। 
मोदी जी के दांव से बंद विपक्षी चाभ। । 
हेमराज हंस  

मंगलवार, 10 मार्च 2015

भ्रष्टाचार मा लग रहा एकव नही लगाम।

कुण्डलिया 

भ्रष्टाचार मा लग रहा एकव नही लगाम। 
बिना घूँस के होय न एकठेव लिग्धा काम। । 
एकठेव लिग्धा काम कि जनता ही चउआनी।
हाहाकार   मचा   है    बाउर   ही   रजधानी। । 
चाहे   राशन कार्ड   हो या  कि  हो  आधार।
रिसवत हर जंघा लगी पसरा भ्रष्टाचार। । 

हेमराज हंस   

बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।।

जेखे  आंखर  बने  हें,  जनता  के स्वर दूत। बंदन  है  जयराम जी, बिन्ध्य  के बानी पूत।।  सादर  ही  शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत। करत रहै लेखनी सद...