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शुक्रवार, 1 जनवरी 2016

हम दयन नये साल कै बधाई। हेमराज हँस

हम दयन नये साल कै बधाई। 
फलाने कहिन तोहई लाज नही आई। । 
कुटिआ के खुंटिआ का कलेण्डर बदला है 
पै अबहूँ धरी ही टुटही चार पाई। । 
हेमराज हँस 

बुधवार, 30 दिसंबर 2015

द्याखा भइलो ताज महल औ चित्र इंडिया गेट के । ।

दरबारन मा चर्चा ही कम्पूटर इंटरनेट के।  
खरिहनन मा मरै किसनमा फन्दा गरे लपेट के।  ।  
प्रेमचन्द के होरी का उइं उँगरी धरे बताउथें 
द्याखा भइलो ताज महल औ चित्र इंडिया गेट के ।  ।  
हेमराज हंस   

सोमवार, 28 दिसंबर 2015

हमरे लोकतंत्र का पियक्कड़ समझा थें। । हेमराज हँस

बघेली मुक्तक 
उइ कुरसी का खेल  अक्कड़ बक्कड समझा थें। 
जनता का निगबर फक्कड़ समझा थें। । 
चले आउ थें बेशर्मी से बोतल लये बस्ती मा 
हमरे लोकतंत्र का पियक्कड़ समझा थें। । 
हेमराज हँस 

शनिवार, 26 दिसंबर 2015

अब 'बाबा जी 'बात करा थें चमनप्रास कै। ।

बघेली मुक्तक 
देस टकटकी लगाये है काले धन के आस कै। 
अब 'बाबा जी 'बात करा थें चमनप्रास कै। । 
घुटकी भर खाय के दिल्ली डकारा थी 
देस का बताउथी महातिम उपास कै। । 
हेमराज हंस ---9575287490 

गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

bagheli sahitya भले जीभ दार है पै मकुना मउना है।

bagheli muktak 

भले जीभ दार है पै मकुना मउना है। 
एहिन से  ओही सइघ नही अउना पउना है।। 
पड़बा है काहे दूबर य बात दिल्ली जाना थी 
दुधारु लोकतंत्र के पडउना का थमाउना है। । 
हेमराज हँस       

सोमवार, 21 दिसंबर 2015

BAGHELI SAHITYA गुण्डा घर अस बखरी द्याखा। ।

समय कै घूमत चकरी द्याखा।
गुंडन कै पैपखरी द्याखा। । 
पीपर अस आक्सीजन देतीं 
गुण्डा घर अस बखरी द्याखा। । 
हेमराज हंस 

रविवार, 29 नवंबर 2015

उइ देस के गरीबी का व्यास नापा थें।

उइ देस के गरीबी का व्यास नापा थें। 
भूखी गंडाही कै अकरास नापा थें।
पखना जमे का घमण्ड देख ल्या 
''सम्पाती ''सुरिज का अक्कास नापा थें। । 
हेमराज हंस ====  

हम जानी थे उइ भण्डा सराध करय आये हें।

हम जानी  थे उइ भण्डा सराध करय आये हें। 
आँधियार सुरिज कै सराध करय आये हें।
एक बेर ठगा गा विंध्य ता निहुरा है झुकेही मा 
उइ पुनि के ''अगस्त''अस अपराध करय आये हें। 
हेमराज हंस ===9575287490 

शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

दादू भांगर भइला होइ गा।

   दादू भांगर भइला होइ गा। 

उज्जर तक मटमइला होइ गा। 
                               
हम जेही बज्जुर का मान्यन 
फाट  के चइला चइला गा। । 
हेमराज हंस      

बुधवार, 18 नवंबर 2015

धम्मन फट गा हरमुनिया का।

धम्मन फट गा हरमुनिया का। 
ह्यरा भाई कहूँ गुनिया का। । 
जे भाई चारा के सरगम से 
रंजे रह्य पूरी दुनिया का। । 
हेमराज हंस

मंगलवार, 17 नवंबर 2015

पुलिस जाना थी जेबकतरा आय।

पुलिस जाना थी जेबकतरा आय। 
हमरे समाज का खतरा आय। । 
तउ सलामी ठोक रही ही 
वा  राजनीत का रकरा आय। । 
हेमराज हंस 

मंगलवार, 3 नवंबर 2015

अब को माजी चाह का गंजा जानी थे। ।

हम सब उनखर छक्का पंजा जानी थे। 
अब को माजी चाह का गंजा जानी थे। । 
जब उनखे मूड़े बीत ता हम बिदुरात रहयन 
अब हमरे घुटकी कसी शिकंजा जानी थे। । 
हेमराज हंस

जब कुरसी मारैं लागै लात

उइ हमरे जिव के घ्यामन हें। 
औ ओइन बड़े दयामन  हें। । 
जब कुरसी मारैं लागै लात 
जाना सत्ता मा रावन हें। । 
हेमराज हंस

शनीचर चढ़ा ता कुसायित गेर ले थी।

शनीचर चढ़ा ता कुसायित गेर ले थी। 
जनता से जुड़े मा ''शबरी''बेर दे थी। । 
चाहे करयाजा धइ द्या निकार के 
रय्यत रामराजव मा धोबी हेर ले थी। । 
हेमराज हंस --- 

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2015

चुनाव मा ''मै सेवक परिवार समेता ''। ।

रैली मा गरीब थैली मा नेता।
कब तक मिली खाद मा रेता। ।
उनसे करा नमस्ते ता मूडव नही हलै
चुनाव मा ''मै सेवक परिवार समेता ''। ।
हेमराज हंस

दार महँगी है खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी ।

        *लोकगीत  * दार महँगी  है  खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी  ।    भाव     सुनत  मा    लागय   ठुसका।। दार महँगी  ।।     किधनव  बनाउब  पान...