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रविवार, 16 मार्च 2025

"कलम" परिवार एवं ईश्वरीय विश्वविद्यालय रीवा द्वारा आयोजित ठहाका कवि सम्मेलन




 रीवा की सामाजिक साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था "कलम" परिवार एवं ईश्वरीय विश्वविद्यालय रीवा द्वारा आयोजित ठहाका कवि सम्मेलन 16.03.2025 जिसके संयोजक श्री नारायण डिगवानी अध्यक्ष डी पी सिंह परिहार मुख्य अतिथि डा सी बी शुक्ला डॉ के के परौहा जी सहित बघेल खण्ड के प्रतिष्ठित कवियों के सानिध्य में प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सभागार में सम्पन्न हुआ जिसमें मुझे भी कविता पाठ का अवसर मिला कलम परिवार के अध्यक्ष आदरणीय श्री नागेन्द्र मणि मिश्र मणि जी का आभार












शनिवार, 1 मार्च 2025

विराट बघेली कवि सम्मेलन लोढ़ौटा सीधी 28. 02 . 2025



 

कविवर श्री धीरेन्द्र त्रिपाठी, काव्य यज्ञ का दीन्हिन नेउता।
आंखर आहुति देय का पहुच्यन ,जग्ग मंच रहा गाँव लढ़ौटा।।
जहाँ बघेली के आचार्य बिद्वान महान विन्ध्य के लाल।
श्री निष्ठुर जी , शरद सुदामा , पद्मश्री श्री बाबूलाल ।।
राज करण जी राज गजलगो , श्री सोमेश्वर सिंह जी सोम।
श्री सूर्य मणि शुक्ल जी लागैं क्वामर छन्द बघेली ओम।।
श्री शिवशंकर मिश्र सरसजी गहिर गभीर बघेली ब्यास।
औ शिवपाल तिवारी जी कै कविता करै अंतस मा बास । ।
भाई भास्कर कै कविताई पूजिस खूब बघेली देउता ।
लाग हंस का ऐतिहासिक दिन कवि सम्मलेन ग्राम लढ़ौटा।।
संचालन श्री निष्ठुर जी का , गरिमामयी हास परिहास।
भरे खचाखच सदन मा श्रोता श्री अनूप मिश्रा जी खास। ।

कवि विद्रोही कै पाबन भुइँआ जहां पहुंच भा जीबन धन्न। सादर आदर भा कवियन का आभार काब्य निशा सम्पन्न।।

सोमवार, 21 अक्टूबर 2024

बांटत रही गइ नेह -- कविवर राजबहोर पाठक मनोज जी सीधी

जबसे बड़कबा निनार भा ओखे मतारी कै आँखी फटी अस ही ---बघेली गजलों के राज क...

पढ़ी लिखी दुलहिन दादू दत्तनिपोर -- डॉ श्री निवास शुक्ल सरस जी

महतारी रिसिहाय दिहिस ता आसिरबाद मिला --- आचार्य रामसखा नामदेव शहडोल

तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है ----सबीना अदीव -कानपूर

शनिवार, 12 अक्टूबर 2024

गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024

कवि सम्मलेन REWA 09.10.2024

 

शिव दुर्गा मंदिर समिति अनंतपुर रीवा मप्र के तत्वावधान में श्री दुर्गोत्सव के पावन प्रसंग में विशिष्ठ  कवि सम्मलेन का सह भागी होने का अवसर प्राप्त हुआ। जिसमे देश के ख्याति लब्ध विद्वान मनीषीसुधि  श्रोताओ के समक्ष वाणी पवित्र करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सर्व श्री रामसिया शर्मा जी, श्री दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी ,श्री  RP तिवारी जी , राष्ट्रिय कवि व्यंग्यकार रविशंकर चतुर्वेदी जी , श्री मति विमलेश जी सुश्री स्नेहा त्रिपाठी खनक जी डॉ रामसरोज शांतिदूत जी भृगुनाथ पांडेय भ्रमर जी हेमराज हंस भेड़ा। गरिमामयी संचालन आदरेय भ्रमर जी ने किया। संस्था के सम्माननीय सदस्यों का सादर आभार। कार्यक्रम में श्री सेवा राम त्रिपाठी जी जैसेशिक्षा विद  विद्वान की उपस्थिति से सुवासित होता रहा। श्री दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी का काव्यपाठ  न सुनपाने का मन में मलाल और अपराध बोध है। 

प्रणाम -- रीवा  धन्यवाद --- रीवा आभार रीवा 

 

रविवार, 15 सितंबर 2024

KAVI SAMMELAN KARVI 14.09.2024


 हिंदी दिवस पर पावन धाम चित्रकूट के  पुरानी कोतवाली केसामने हुए कवि सम्मेलन में कवियों

ने हर रस की कविताएं सुनाकरलोगों का भरपूर मनोरंजन किया।इसका आयोजन योगेंद्र दत्त द्विवेदी

एजूकेशन सोसायटी, साहित्यसाधना ग्रुप एवं नगर पालिकापरिषद के संयुक्त तत्वावधान मेंकिया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत आचार्यब्रजेंद्र शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलनसे की। अध्यक्षता शायर अख्तरफ़राज़ ने की। संचालन डा. मनोजद्विवेदी, हबीब खान व छतरपुर केकवि सूरज पंडित ने किया। सतनाकी कवयित्री दीपा गौतम ने बेटियों

पर रचना पढ़, नीरांजना के पुष्प

सी होती हैं बेटियां, कोमलहृदय

करुणा सी होती हैं बेटियां। 

चरखारीके प्रदीप दिहुलिया ने व्यंग्य रचना,

चाहते हो जीवन को सफल बनाना

यदि, पत्नी की हां में हां मिलाते चले

जाइए, वह दिन को कहे जो रात,

दूध को कहे जो भात, सहमति में

शीश को हिलाते चले जाइए पढ़कर

वाहवाही बटोरी। 

सूरज पंडित ने पढ़ा, खुशियों का संसार तुम्हारे नाम

किया, जीवन भर का प्यार तुम्हारे

नाम किया।

 मैहर के कवि हेमराज हंस ने, 

फलाने कै भईंस बहुत

पल्हात ही, लागत है मिड डे मील कै

दरिया खात ही,  गभुआर चले गें पेट

 खलाये सरकारी योजना ठाड़े बिदुरात ही। 

पढ़कर व्यवस्थाओं पर करारी चोट

की। 

दिनेश दीक्षित संघर्षी ने, हिंद

देश का मान हूं मैं तो हिंदी भाषा

ठहरी हूं, क्यों बेबस लाचार खड़ी

मैं जंजीरों में जकड़ी हूं, से भाषा की

व्यथा को व्यक्त किया। 

श्रीनारायणतिवारी ने इंसानियत पर पंक्तियांपढ़ीं, जिनको प्यारे सभी इंसान नहींहोते हैं, वो तो हिंदू या मुसलमान

नहीं होते हैं। मेरे श्रीराम ही अल्ला भी तुम्हारे हैं, एक दुनिया में दोभगवान नहीं होते हैं। गज़लकारअख्तर फ़राज़ ने मंदाकिनी नदीकी अनदेखी पर व्यथा जताई, नदी

मंदाकिनी से वाकई ह पै ्यार तो दखे ो,हरी मोहन राय, संदीप श्रीवास्तवने भी रचनाएं पढ़ीं। समाजसेवीअभिमन्यु भाई ने मंदाकिनी कीअविरल धारा के लिए मार्मिक रचनासस्वर प्रस्तुत की। बांदा की रीनासिंह ने बेटियों और मां मंदाकिनीपर अपनी रचना पढ़कर भावविभोर

कर दिया। इस मौके पर सदर विधायक अनिल प्रधान, अधिवक्ता आलोक द्विवेदी, रामबाबू गुप्ता,रमेश चंद्र द्विवेदी, जगदीश गौतम, राजा करवरिया, ज्योति करवरिया, चित्रा द्विवेदी, सीमा शुक्ला, डा. एसपी त्रिपाठी, रामपाल त्रिपाठी,रामलाल द्विवेदी प्राणेश, राघव चित्रकूटी, राजेश जायसवाल, अर्चन द्विवेदी, आदि ने कवियों काउत्साहवर्धन किया। 


KAVI SAMMELAN KARVI


 

KAVI SAMMELAN KARVI 14.09.2024



 

बुधवार, 11 सितंबर 2024

unchehara kavi sammelan


 शानदार भा  कवि सम्मलेन, गरिमा पूर्ण उचहरा मा। 
मन भर खूब नहाइन श्रोता, कविता आंखर बहरा मा।। 

मुख्य अतिथि नागौद नरेश जू श्री महराज कुमार रहें । 
कार्य क्रम के सूत्रधार सिरि, अनिल सिंह परिहार रहें ।। 

संचालन रविशंकर जी ,जे हास्य व्यंग्य के महापौर  । 
बानी बन्दन शैलेन्द्र शैल के मधुर कंठ सुन सब बिभोर।। 

कवि तेजभान सतना बाले, महिपर अस बानी दिहिन घोर। 
मुक्तक कविता सुन श्रोतागण, पुन पुन गोहरामैं  बन्स मोर।। 

रवि हेमराज का ठाढ़ किहिन, जब बांध भूमिका खाका पुन ।
ता सभ्भ सभा बिदुराय लाग , औ खासा  लाग ठहाका पुन। ।

श्री   शैलेन्द्र   शैल  गाइन  , सुकबार   गीत    के   गीतकार। 
रिमझिम रिमझिम लागै मउसम जब झरैं लाग कविता फुहार।। 

अनिल अल्प जी  के मुक्तक, झकझोर दिहिन अंतस के तार। 
जब  समाज  के चाल  चलन  मा, शब्दन  से किन्हिन  प्रहार।। 

जब रमेश जाखी  जी का भा, हास्य  काव्य खटिया बाला।
ता बजी  जोरदार तारी  औ हंसय   लाग  कन्या    शाला।। 

हास्यावतार रविशंकर जी के हास्य व्यंग्य कै मिलै न थाह। 
सुन सुन उनखर  हास्य छन्द  सभा कह उची वाह वाह ।। 

स्वर्गीय  श्री  शैलेन्द्र  सिंह  उरदना ,  स्मृति का  काव्य  सार ।
उनखे सपूत अभिलाष सिंह, किन्हिन कवि श्रोतन का आभार। 

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...