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रविवार, 13 अप्रैल 2025

बंगाल मा ! हा हा कार मचा है

मदारी  रोबा  थें    बांदर    रोबा थें। 
परिबार बिलखत है बिरादर रोबा थें।। 
बंगाल  मा !  हा  हा  कार मचा   है 
उइ  356   धरे  आँधर   सोबा थें। । 
हेमराज हंस  

शनिवार, 11 जनवरी 2025

गदहा परेसान है गइया के प्रतिष्ठा मा । ।

पसीना का ठगि  के वा  बइठ हबै  भिट्ठा मा। 
कइउ  ठे लजुरी   खिआनी   है   घिट्टा  मा । । 
सेंतय   का   जरा   बरा   जाथै   कमेसुर वा 
गदहा  परेसान  है  गइया  के  प्रतिष्ठा   मा । ।
 
हमरे   नुकसान  केर  डाँड़  बांकी  है। 
दुस्ट औ कृतघ्न कै दुइ फांड़ बांकी है।। 
जोकर उपाय  कइ  सब  हीच चुके हैं 
फलाने कहि रहें हें की भाँड़ बांकी है। ।

 हमी  रूप  से का  मतलब, हम ता आंखर मा रीझे हन। 
बानी के मंत्र लिखे कागद, हम मस मा खूब पसीझे हन।।
तुम प्रेम पिआसी पिंगला ता , हम उदासीन भरथरी हयन 
तुम्ही  शुभ  होय  तुम्हार  प्रेम, हम ता आंसू मा भींजे हन।। 

उइ   जेही  छूइ   देथें  वा  सोन  बन जाथै । 
खारा   पानी   जम   के  नोन    बन  जाथै ।।   
जादा   ना  सताबा   कउनव    गरीब   का
अपमान पी के एक दिन वा द्रोन बन जाथै ।। 
   
वा  एक   पुड़िया   कुरकुरा   मा  रगाय  गा।
पै  रोय  के सबका   नींद   से   जगाय   गा ।।
उनही   पुटिआमै   का  अउराथै    नीक  के 
घुनघुना  धराय के अउंटा पिअय सिखाय गा।।

गुरतुर का गुरतुर सखार का सखार कहा।
सांझ का सांझ सकार का सकार कहा।। 
 भले केत्तव  सजाबा  बनउक  बिझूका 
तोखार  न  बनी  वोही  धोखार   कहा। । 

या  ता अहरी आय  बखरी  कहूं  अउर  ही। 
मन तउलय के निता तखरी कहूं अउर ही। 
अब ता  कायलिव रचाये ओंठ   बागा थी 
प्रेम  काहू से  ता  पैपखरी  कहूं  अउर  ही।। 

शुक्रवार, 20 सितंबर 2024

पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें। 

पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।। 

उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या 

हमरे  धरम के साथ जे अपराध   कइ  रहे  हें।। 

हेमराज हंस -भेड़ा मैहर 


गुरुवार, 28 मार्च 2024

महल मड़इया से रंगदारी भूल गा।

 महल मड़इया से रंगदारी भूल गा। 

जउन दइस रहा वा उधारी भूल गा।। 

जब से चुनाव कै घोसना भै देस मा 

तब से मुँह झुरान है गारी  भूल गा।।  

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

भइलो चलें देखामय भाटा।।

जब जर माही परिगा माठा। 
भइलो चलें देखामय भाटा।। 
एक कई खुब चहल पहल ही 
एक  कई  पसरा  सन्नाटा। ।  

गुरुवार, 27 अप्रैल 2023

गदहा का कहिहैं बाप। आसव चुनाव है।

मुलुर मुलुर बस देखा आप। आसव चुनाव है। 
देखा बनत  धजी का सांप।। आसव चुनाव है।
जे  किहे  नमस्ते   तक मा  कबहूं  नहीं  नेहरैं   
गदहा  का  कहिहैं   बाप।।   आसव  चुनाव है।
     हेमराज हंस===== 9575287490 



 

सोमवार, 20 मार्च 2023

बम चकाचक होरी है।
रंगन मा दहबोरी है।।
नस्सा माही लस्सा ले थी
शहर गाँव हर खोरी है।।

सोमवार, 2 जनवरी 2023

 हम दयन नये साल कै बधाई।

हम    दयन    नये    साल    कै   बधाई।
फलनिया कहिस तोहइ लाज नहीं आई।।
पाँव हें जोंधइया  मा  हाथे  परमानु बम
पै देस मा घ्रिना कै खासा  जबर  खाई। । 

मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

गांधी जी अमर हैं गंगा के धारा अस

गांधी जी अमर हैं गंगा के धारा अस। 
देश के माटी मा जन जन के नारा अस।। 
गांधी पढाये जइहैं  सब दिन इसकूल मा 
भारत के भभिस्स  का गिनती औ पहाड़ा अस।। 

रविवार, 3 अप्रैल 2022

कोऊ अमीरी से त कोऊ गरीबी से दुखी है

कोऊ अमीरी से त कोऊ गरीबी से दुखी है। 
कोउ दुसमन से त कोउ करीबी से दुखी है।। 
या दुनिया मा सुख संच हेरे नही मिलय 
कोऊ मिया से ता कोउ बीबी से दुखी है।। 

रविवार, 27 मार्च 2022

उंई चाहाथें देस मा बाउर पइदा होंय

उंई चाहाथें देस मा बाउर पइदा होंय ।
औ उनखे घर मा जनाउर पइदा होंय ।।
एक   बूंद   पानी   न   बरखै  खेत मा
औ सीधे धान नही चाउर पइदा होंय।।

शनिवार, 8 अगस्त 2020

जातिवाद ह्याराथें रिमही बघेली

उंइ भस्मासुर मा जातिबाद ह्यारा थें।
राजनीत बोमैं का रेती मा खाद ह्याराथें।। 
बड़े गभुआर हें लोकतंत्र के लुच्चा 
कुलटन के बस्ती मा मरजाद ह्याराथें।। 

बेसाही सरकार का रुतबा Rimhi kavita

बेसाही सरकार का रुतबा नही रहे। 
जइसा कठपुतरी मा सुतबा नही रहै।। 
भले पूजा जिंद बरम बीस ठे खबीस 
पै हनुमान चलीसा बांचा ता भुतबा नही रहै।। 

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...