यह ब्लॉग खोजें

परशुराम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
परशुराम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 5 मई 2024

शासक जब कीन्हिन बहुत, सोसन अत्याचार।

 शासक जब कीन्हिन बहुत, सोसन अत्याचार। 
तब ईस्वर   का  लें परा, फरस  राम  अबतार।। 
 
दुस्टन काही काल अस, औ सज्जन का संत ।
भृगु  नंदन श्री राम हैं, स्वाभि मान    श्री मंत ।।

भारत पूजिस सब दिना,रिसी कृसी के साथ।
एक हाथे मा शास्त्र का, शस्त्र का दूजे हाथ।। 

जुग नायक ता भे नहीं, कबौं जात  मा कैद। 
उइं  बीमार समाज के, हें सुभ चिंतक बैद।।  

भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक परशुराम

भारतीय  स्वाभिमान के प्रतीक परशुराम। 
सनातनी  समाज के  हैं  लीक  परशुराम।।

दुष्ट   शासकों .को  दंड  देने   के  लिये 
मिशाल  वीरता की  एक सीख  परशुराम।।

आताताइयों  के  लिए हैं  वे एक काल  सम
 साधु सज्जनों के लिये ठीक परशुराम।।

चारो  युग में   हैं वे  पूजनीय    अमर भी 
शूरता  की  मूर्ति  हैं  निर्भीक परशुराम। ।

धन्य  माता  रेणुका  जमदागनी   पिता। 
श्री विष्णु  अवतार पुंडरीक  परशुराम। । 
हेमराज हंस 

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...