अबहूँ नही नसान कुछू कइ ल्या पता कबीर का।
वध घर का लाइसेन्स बनाउत्या देत्या दोख अहीर का। ..
हेमराज हंस
वध घर का लाइसेन्स बनाउत्या देत्या दोख अहीर का। ..
हेमराज हंस
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
*लोकगीत * दार महँगी है खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी । भाव सुनत मा लागय ठुसका।। दार महँगी ।। किधनव बनाउब पान...