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रविवार, 21 अप्रैल 2024

जउन मेंछा मा ही शान वा पूंछी मा नहीं ।।

 जाति   बाद  के  मथरे   परंगत  नहीं  परै। 
राबन  के  बहकाये   मा  अंगद  नहीं परै।। 
चाह   जउन   जात   के  होंय   नेता    जी  
पै गरीबन  के साथ उनखर  पंगत नहीं परै।।
हेमराज हंस 
चमचा गीरी जेखे कलम कूंची मा नहीं। 
वाखर  नाव  अपना  के  सूची  मा नहीं।।
देस  कै  जनता  जाना  थी    नीक   के  
जउन मेंछा मा ही शान वा पूंछी मा  नहीं ।। 
हेमराज हंस 

हम फुर कही थे ता कान उनखर बहा थै।
पता नही  तन मा धौं  कउन  रोग रहा थै। ।
तन   से    हें   बुद्ध   मन    से   बहेलिया
पंछी  अस  पीरा  य  लोकतंत्र सहा थै ।।
हेमराज हंस 

शनिवार, 23 अप्रैल 2022

दानी ता दानी उंइ सूम तक का जानाथें।

दानी ता दानी  उंइ सूम तक का जानाथें। 
बड़े अंतरजामी हें बाथरूम तक का जानाथैं।। उनसे खुई कइ के सुंग कण्व न बनाबा 
उंई मंत्र पिंडदान से हूम तक का जानाथैं।। 

रविवार, 5 जुलाई 2015

hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।

मुक्तक 

वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते  है। 
कला देखिये  फ़टे छाते  में ऊन सीते हैं.।।
समाज में उनका हीं दबदबा है 
जो वैभव से भरे हैं संवेदना से रीते हैं। । 
हेमराज हंस --9575287490  

रविवार, 28 जून 2015

मौन के पीड़ा की अनुभूति देखिये।


मौन के पीड़ा की अनुभूति देखिये। 
सदाचार का भ्रष्टो से  सहानुभूति देखिये। । 
विश्वास आहत हो रहा है लोक तंत्र का 
पदों औ क़दों की प्रतिभूति देखिये। । 
हेमराज हंस 

सोमवार, 8 जून 2015

bagheli अम्मलक जना थै उनखे चाल से।

मुक्तक 

अम्मलक जना थै उनखे चाल से। 
हरिश्चंद  समझौता है नटवर लाल से। । 
लबालब भरा है ता आज उई टर्रा थें 
सब गूलर भाग जई है सूख ताल से। । 
हेमराज हंस --9575287490 

शुक्रवार, 5 जून 2015

hemrajhans------उनकी गुण्डागर्दी देखो।

मुक्तक 

यार उनकी गुण्डागर्दी देखो। 
ऊपर से हम दर्दी देखो। । 
घाव से मजाक करती है 
पीड़ा नाशक हल्दी देखो। । 
हेमराज हंस --9575287490 

सोमवार, 1 जून 2015

bagheli kavita वमै डबरा योजना का पड़बा देखाई थे। ।

मुक्तक 

आबा ! गाँव मा शौचालय का गड़बा देखाइ थे। 
वमै डबरा योजना का पड़बा  देखाई थे। । 
ब्यवस्था बताऊ थी वजट कै कमी ही 
हम छूँछ सरकारी भड़बा देखाई थे। । 
हेमराज हंस --9575287490 

बुधवार, 20 मई 2015

आबा हम गाँव का कोलान देखाई थे।

मुक्तक 

आबा हम गाँव का कोलान देखाई थे। 
होन आजादी का बइकलान देखाई थे। । 
जेही तुम वोट कै मण्डी समझत्या है 
ओखे गरीबी का चालान देखाई थे। । 
हेमराज हंस 
  

मंगलवार, 19 मई 2015

जलाशय से बड़ी बाल्टी नही होय। ।

मुक्तक 

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देस        से   बड़ी   पार्टी  नही   होय। 
जलाशय से बड़ी बाल्टी नही होय। । 
भले   बिभीषन   भक्त   हें राम   के 
पै विश्व मा गद्दारन कै आरती नही होय। । 
हेमराज हंस ----------9575287490 

सोमवार, 18 मई 2015

जब राजनीत गुंडन का सीट बाँटा थी।

मुक्तक 

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जब राजनीत गुंडन का सीट बाँटा थी। 
तब   जनता आपन पीठ बाँटा थी। । 
देस मा मजूरन के क्याबा होइ रहे हें 
ब्यवस्था मीठ मीठ भाषन बाँटा थी। । 
हेमराज हंस -----------9575287490 

भाई अस दूसर नही जो भउजाई बांख न होय।

मुक्तक 

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भाई अस दूसर नही जो भउजाई बांख न होय। 
बाउर अस है वा समाज जेखर आपन भाख न होय। । 
बपुरी जनता नेम प्रेम भाई चारा से रहि तो लेय 
जो हमरे देस के नेतन का नैतिक अँधिआरी पाख न होय। । 
हेमराज हंस ---------------9575287490 

सोमवार, 4 मई 2015

हेन किसानन के घर मा गरुड़ पुरान होथी। ।

मुक्तक ---------------------------------

समाज मा  दहेज़ कै भारी दुकान होथी। 
नींद नही आबै जब बिटिया सयान होथी। । 
उई कहिन तै देस से कि भागवत सुनबाउब 
हेन किसानन के घर मा गरुड़ पुरान होथी। । 
हेमराज हंस ----9575287490 
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रविवार, 3 मई 2015

हमरे ईमानदारी का रकवा रोज घटा थै।

मुक्तक 

हमरे ईमानदारी का रकवा रोज घटा थै। 
या खबर बांच बाँच के करेजा फटा थै। । 
जब उनसे पूंछयन ता कहा थें फलाने 
चरित्र का प्रमाण पत्र थाने मा बटा थै। । 
हेमराज हंस -------9575287490 

शनिवार, 2 मई 2015

हमरे ठई भूख का नक्शा धरा है

मुक्तक 

रमुआ का पंचर रक्शा धरा है। 
औ परछी मा छूँछ बक्सा धरा है। । 
उई कहा थे य विपक्ष कै साजिश आय 
हमरे ठई भूख  का नक्शा धरा है.
हेमराज हंस --9575287490  

अब एक रूपया कै भांज नही मिलै।

मुक्तक 

अब एक रूपया कै भांज नही मिलै। 
गिरे के बाद भुइ मा गाज नही मिलै। । 
लोकतंत्र मा जनता जेही ठोकराउथी 
ओही हरबी हेरे ताज नही मिलै। । 
हेमराज हंस --9575287490 

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

उनही दइ द्या ठेव सुरिज का दउरै न सरसेट के। ।

मुक्तक  

दरबारन मा चर्चा ही कम्प्यूटर इंटरनेट  के। 

औ खेतन मा मरै किसनमा फंदा गरे लपेट के। । 

केत्तव निकहा बीज होय पै पनपै नही छहेला मा 

उनही दइ द्या ठेव सुरिज का दउरै न सरसेट के। । 

 हेमराज हंस -----------9575287490 

गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।

मुक्तक 


अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है। 
बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। । 
कुरसी     कै   भूंख   मुखर्जी  का भूल गै 
अब हाथ मल्हा आप वा चौराहा मा ठाढ है। । 
हेमराज हंस -

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।

मुक्तक 

बलफ फियुज होइ गा झालर पकड़ के। 
उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। । 
सुदामा   के   चाउर   का   उई  का जानै 
जे बचपन से खेलिन हीं डालर पकड़ के। । 
           हेमराज हंस -    -9575287490 

सोमवार, 13 अप्रैल 2015

हमही जना थै वा नशा मा है। ।

मुक्तक 

फलाने कहा थें निकही दशा मा है। 
हमही   जना   थै वा    नशा मा है। । 
हेन पीरा के फसल कै लगान लागा थी 
किसानन से पूँछा केतू दुर्दशा मा है। । 
हेमराज हंस -------9575287490 

रविवार, 12 अप्रैल 2015

लगा थै एहिन से फलाने उघार है। ।

मुक्तक 

उई कहा थें व्यबस्था मा सुधार है। 
लगा थै एहिन से फलाने उघार है। । 
नाक मा रुमाल धरे बाटा थें मावजा 
जनता के ऊपर उनखर उपकार है। । 
         हेमराज हंस -9575287490 

दार महँगी है खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी ।

        *लोकगीत  * दार महँगी  है  खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी  ।    भाव     सुनत  मा    लागय   ठुसका।। दार महँगी  ।।     किधनव  बनाउब  पान...