मुक्तक
यार उनकी गुण्डागर्दी देखो।
ऊपर से हम दर्दी देखो। ।
घाव से मजाक करती है
पीड़ा नाशक हल्दी देखो। ।
हेमराज हंस --9575287490
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास। उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।। सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर। रिमही मा हें सरस जी , जस पा...
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