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शुक्रवार, 5 जून 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita वमै डबरा योजना का पड़बा देखाई थे। ।...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita वमै डबरा योजना का पड़बा देखाई थे। ।...: मुक्तक  आबा ! गाँव मा शौचालय का गड़बा देखाइ थे।  वमै डबरा योजना का पड़बा  देखाई थे। ।  ब्यवस्था बताऊ थी वजट कै कमी ही  हम छूँछ सरकार...

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कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...