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शनिवार, 23 अप्रैल 2022

दानी ता दानी उंइ सूम तक का जानाथें।

दानी ता दानी  उंइ सूम तक का जानाथें। 
बड़े अंतरजामी हें बाथरूम तक का जानाथैं।। उनसे खुई कइ के सुंग कण्व न बनाबा 
उंई मंत्र पिंडदान से हूम तक का जानाथैं।। 

बुधवार, 6 अप्रैल 2022

मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

चुटकी भर के ज्ञान का

चुटकी भर के ज्ञान का झउआ भर परमान। 
तउअव अपने आप का हंस कहै बिद्वान।। 

गांधी जी अमर हैं गंगा के धारा अस

गांधी जी अमर हैं गंगा के धारा अस। 
देश के माटी मा जन जन के नारा अस।। 
गांधी पढाये जइहैं  सब दिन इसकूल मा 
भारत के बचपन का गिनती औ पहाड़ा अस।। 

रविवार, 3 अप्रैल 2022

कोऊ अमीरी से त कोऊ गरीबी से दुखी है

कोऊ अमीरी से त कोऊ गरीबी से दुखी है। 
कोउ दुसमन से त कोउ करीबी से दुखी है।। 
या दुनिया मा सुख संच हेरे नही मिलय 
कोऊ मिया से ता कोउ बीबी से दुखी है।। 

दार महँगी है खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी ।

        *लोकगीत  * दार महँगी  है  खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी  ।    भाव     सुनत  मा    लागय   ठुसका।। दार महँगी  ।।     किधनव  बनाउब  पान...