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सोमवार, 19 दिसंबर 2022

राबन जब राजा बना,

राबन  जब  राजा  बना,  दीन्हिस बनै कनून। 
जेखे टेक्स कै जर नहीं, वखार लइ ल्या खून।
वखार लइ ल्या खून चली न कउनव  वाठर।
जनता  का ल्या चूस बचै बस केबल ढाठर। 
डिग्गी  बज  गय देस भरे मा गांवन गांवन। 
गेट औ टटबा  एक भाव सब द्याखै राबन।। 
             हेमराज हंस      

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

 सरी ब्यबस्था गाँव कै,

 सरी  ब्यबस्था  गाँव कै, लीन्हे ही बइठान। 
ओखे  ऊपर  टेक्स का ,आबा है फरमान।। 
आबा  है  फरमान  बचै  न कउनव  जनता। 
चाह मड़इया बखरी हो या कोलिया खन्ता।। 
हंस कहिन अब उनहूँ का तो पलटी तकथा। 
लाद  रहें  जे  टेक्स  गाँव  के सरी ब्यबस्था। । 

दार महँगी है खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी ।

        *लोकगीत  * दार महँगी  है  खा ल्या बलम सुसका। दार महँगी  ।    भाव     सुनत  मा    लागय   ठुसका।। दार महँगी  ।।     किधनव  बनाउब  पान...