राबन जब राजा बना, दीन्हिस बनै कनून।
जेखे टेक्स कै जर नहीं, वखार लइ ल्या खून।।
वखार लइ ल्या खून चली न कउनव वाठर।
जनता का ल्या चूस बचै बस केबल ढाठर।।
डिग्गी बज गय देस भरे मा गांवन गांवन।
गेट औ टटबा एक भाव सब द्याखै राबन।।
हेमराज हंस
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