मुक्तक
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भाई अस दूसर नही जो भउजाई बांख न होय।
बाउर अस है वा समाज जेखर आपन भाख न होय। ।
बपुरी जनता नेम प्रेम भाई चारा से रहि तो लेय
जो हमरे देस के नेतन का नैतिक अँधिआरी पाख न होय। ।
हेमराज हंस ---------------9575287490
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