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शनिवार, 2 मई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमरे ठई भूख का नक्शा धरा है

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमरे ठई भूख का नक्शा धरा है: मुक्तक  रमुआ का पंचर रक्शा धरा है।  औ परछी मा छूँछ बक्सा धरा है। ।  उई कहा थे य विपक्ष कै साजिश आय  हमरे ठई भूख   का नक्शा धरा है....

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...