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गुरुवार, 14 मई 2015

सूर्पनखा के नाक कै डिजाइन हेरा थें।।

मुक्तक 

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उई  प्रगतिशील हैं तउ डाईन  हेरा थें। 
सूर्पनखा के  नाक कै डिजाइन हेरा थें।।
जब से मड़ये  तरी सारी से बोलियाँन  हें 
तब से उनही साढ़ूभाईन  हेरा  थें। । 
हेमराज हंस -----9575287490 

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...