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सोमवार, 11 मई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : जेहि ''वन्देमातरम ''गामय मा लाज लागा थी

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : जेहि ''वन्देमातरम ''गामय मा लाज लागा थी: मुक्तक  ------------------------------------------- घिनहव   का नागा नही कहीं येही बड़प्पन मान कहा।  फलाने  कहा थें कि  हमहीं अकबर महा...

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श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...