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सोमवार, 4 मई 2015

हेन किसानन के घर मा गरुड़ पुरान होथी। ।

मुक्तक ---------------------------------

समाज मा  दहेज़ कै भारी दुकान होथी। 
नींद नही आबै जब बिटिया सयान होथी। । 
उई कहिन तै देस से कि भागवत सुनबाउब 
हेन किसानन के घर मा गरुड़ पुरान होथी। । 
हेमराज हंस ----9575287490 
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