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शुक्रवार, 1 मई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ।: बघेली कविता  मजूर   [बघेली कविता ] हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ। करी मशक्क़त तनमन से हम गरमी जाड़े कदुआ...

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  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...