कविवर श्री धीरेन्द्र त्रिपाठी, काव्य यज्ञ का दीन्हिन नेउता।
आंखर आहुति देय का पहुच्यन ,जग्ग मंच रहा गाँव लढ़ौटा।।
जहाँ बघेली के आचार्य बिद्वान महान विन्ध्य के लाल।
श्री निष्ठुर जी , शरद सुदामा , पद्मश्री श्री बाबूलाल ।।
राज करण जी राज गजलगो , श्री सोमेश्वर सिंह जी सोम।
श्री सूर्य मणि शुक्ल जी लागैं क्वामर छन्द बघेली ओम।।
श्री शिवशंकर मिश्र सरसजी गहिर गभीर बघेली ब्यास।
औ शिवपाल तिवारी जी कै कविता करै अंतस मा बास । ।
भाई भास्कर कै कविताई पूजिस खूब बघेली देउता ।
लाग हंस का ऐतिहासिक दिन कवि सम्मलेन ग्राम लढ़ौटा।।
संचालन श्री निष्ठुर जी का , गरिमामयी हास परिहास।
भरे खचाखच सदन मा श्रोता श्री अनूप मिश्रा जी खास। ।
कवि विद्रोही कै पाबन भुइँआ जहां पहुंच भा जीबन धन्न।
सादर आदर भा कवियन का आभार काब्य निशा सम्पन्न।।
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