बघेली कविता
आबा उनखे बेलहरा का चूना देखाई थे।
जुजबी नहीं दोउ जूना देखाई थे। ।
चपरासी के भरती मा इंजीनियर ठाढ़ हें
देस मा बेरोजगारी का नमूना देखाई थे। ।
अब एक डालर मा सतासी का अबरेज है
फुक्क फुक्क करत वा लूना देखाई थे। ।
गुंगुआत गोइआरो मची गाँव मा गोहार
बस्ती का बियाबान अस सूना देखाई थे। ।
बरायन नसाय गै कलस के प्रेम मा
ओखे कला का गोठा गूना देखाई थे। ।
हेमराज हंस - भेड़ा मैहर
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