हमीं बधाई खुब दिहन, बसकट केर अपार।
अपना केर अभार है, सादर राम जोहार।।
पटल के कबि बिद्वान का, जथा जोग परनाम।
राम ब्रम्ह अच्छर करैं, दुनिया मा जस नाम। ।
हेमराज हंस
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान। जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।। आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके ...
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