बघेली कबिता
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रोटी हमी करउंटा फेरय नहीं दिहिस।
हेराय गा है जउन वा हेरय नहीं दिहिस।।
देखाबटी प्रभाव औ बनाबटी सुभाव
आतिमा का हमरे लथेरय नहीं दिहिस। ।
उइ ठाढ़ रहीं हमरे कइ पीठ कइके पै
सरसुती लछमी का टेरय नहीं दिहिस। ।
अउन पउन करत जेखर अउरी बीत ही
मन हमार ओइसा ततेरय नहीं दिहिस। ।
भले नहीं अघान पेट हंस का कबौ
पै इदँरामन के साथ संतरा पेरय नहीं दिहिस। ।
हेमराज हंस
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