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सोमवार, 21 अक्टूबर 2024

जबसे बड़कबा निनार भा ओखे मतारी कै आँखी फटी अस ही ---बघेली गजलों के राज क...

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श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...