यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 30 दिसंबर 2015

द्याखा भइलो ताज महल औ चित्र इंडिया गेट के । ।

दरबारन मा चर्चा ही कम्पूटर इंटरनेट के।  
खरिहनन मा मरै किसनमा फन्दा गरे लपेट के।  ।  
प्रेमचन्द के होरी का उइं उँगरी धरे बताउथें 
द्याखा भइलो ताज महल औ चित्र इंडिया गेट के ।  ।  
हेमराज हंस   

कोई टिप्पणी नहीं:

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...