यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 9 दिसंबर 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHEKI MUKTAK

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHEKI MUKTAK: टी. वी मा सभ्भदारन का नमूना देख ल्या।  जुज्बी नही दोउ जूना देख ल्या।   ।  जउन अड़सठ साल से लगाबा जा रहा है  उनखे बेलहरा का चूना देख ल्या।...

कोई टिप्पणी नहीं:

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...