यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 5 दिसंबर 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हे !महा दोगला हे अकही !!अकहापन कै पूंजी तुम।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हे !महा दोगला हे अकही !!अकहापन कै पूंजी तुम।: हम करी चेरउरी चुगल खोर तुम सुखी रहा य देस मा।   तुम बइठे नक्कस काटा औ सब जन रहैं कलेष मा। ।  हे अकरमन्न हे कामचोर सब काँपैं तोहरे दांव ...

कोई टिप्पणी नहीं:

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...