जातिहाई का जानिगें उइ अटकर अंदाज।
सुदिन देख ह्यराय चलें जब बिटिया का काज। ।
जब बिटिया का काज जबर है दइजा नाहर।
सुन दहेज़ का भाव थूंक न निकरै बाहर। ।
बिन दइजा के बड़ मंशी का को अपनाई।
हंस कहिन बस वोट के खातिर ही जातिहाई।।
हेमराज हंस
सुदिन देख ह्यराय चलें जब बिटिया का काज। ।
जब बिटिया का काज जबर है दइजा नाहर।
सुन दहेज़ का भाव थूंक न निकरै बाहर। ।
बिन दइजा के बड़ मंशी का को अपनाई।
हंस कहिन बस वोट के खातिर ही जातिहाई।।
हेमराज हंस
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