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रविवार, 29 नवंबर 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उइ देस के गरीबी का व्यास नापा थें।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उइ देस के गरीबी का व्यास नापा थें।: उइ देस के गरीबी का व्यास नापा थें।  भूखी गंडाही कै अकरास नापा थें। । पखना जमे का घमण्ड देख ल्या  ''सम्पाती ''सुरिज का अक...

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श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...