उइ देस के गरीबी का व्यास नापा थें।
भूखी गंडाही कै अकरास नापा थें।।
पखना जमे का घमण्ड देख ल्या
''सम्पाती ''सुरिज का अक्कास नापा थें। ।
हेमराज हंस ====
भूखी गंडाही कै अकरास नापा थें।।
पखना जमे का घमण्ड देख ल्या
''सम्पाती ''सुरिज का अक्कास नापा थें। ।
हेमराज हंस ====
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें