कुण्डलिया
भ्रष्टाचार मा लग रहा एकव नही लगाम।
बिना घूँस के होय न एकठेव लिग्धा काम। ।
एकठेव लिग्धा काम कि जनता ही चउआनी।
हाहाकार मचा है बाउर ही रजधानी। ।
चाहे राशन कार्ड हो या कि हो आधार।
रिसवत हर जंघा लगी पसरा भ्रष्टाचार। ।
हेमराज हंस
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें