बघेली गजल
गुड़ देखाय के गूड़ा कै बात करा थें।
मूड़ घोटाय के जूडा कै बात करा थें।।
कहां से उनखे देहें का खून खऊलय,
चूड़ी पहिर के चूड़ा कै बात करा थें। ।
बपुरी देस भक्ती बिहोस परी ही ,
चाबिस ही बीछी सूंडा कै बात करा थें। ।
घोटालन का घुरबा लगा है भोपाल मा ,
चौपालन से बहरी कूड़ा कै बात करा थें। ।
खेत -खरिहान बेचै कै तयारी ही,
बखरी के बखारी से पूड़ा कै बात करा थें। ।
बहिगै सत्ता के धारा मा ३७० ,
नाटक मा मदारी जमूरा कै बात करा थें। ।
हेमराज
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