दोहा
पाथर परिगा फसल मा अब भा मरे बिहान।
हाय !!दइव !या का किहा कहि के गिरा किसान। ।
करहा आमा नीझरि गा ठूठ ठाढ़ मउहार।
चौपट होइ गै फसल सब अइसा मारिस वार। ।
टप टप अँसुआ बहि रहें खेतिहर परा सिकिस्त।
खाद बीज का ऋण चढ़ा औ टेक्टर कै क़िस्त। ।
हेमराज
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