यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 11 जनवरी 2015

चुप रह दादु 

उनखे कइती चका चक्क औ हमरे कई अमौसा है। 
द्ग द्ग देह  फलाने कै  हमरे   तन  मा खौसा है। । 
उई  गमला  कै हरियरी देख  खेती कै गणित लगाउथें 
चौबे   जी   कहिन    चुप     रहु     दादु    भाउसा है। । 

कोई टिप्पणी नहीं:

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...