यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, 5 अगस्त 2020

अब भादों के चउथ का लगै दुइज से ईस।

अब भादों के चउथ का लगै दुइज से ईष। 
य कलंक ढोउत फिरै वा सुभ सुदिन रही।। 

कोई टिप्पणी नहीं:

बंदन है जयराम जी, बिन्ध्य के बानी पूत।।

जेखे  आंखर  बने  हें,  जनता  के स्वर दूत। बंदन  है  जयराम जी, बिन्ध्य  के बानी पूत।।  सादर  ही  शुभ कामना बरिस गाँठ के हेत। करत रहै लेखनी सद...