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गुरुवार, 2 जुलाई 2015

BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।

मुक्तक 


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वाह रे राजनीत का खेल। 
दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। । 
सदाचार मा गारी गुझुआ 
भ्रष्टाचार मा सरस मेल। । 
हेमराज हंस -9575287490 

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...