यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।: मुक्तक  --------------------- वाह रे राजनीत का खेल।  दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।  सदाचार मा गारी गुझुआ  भ्रष्टाचार मा सरस...

कोई टिप्पणी नहीं:

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...