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रविवार, 5 जुलाई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।: मुक्तक  वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते  है।  कला देखिये  फ़टे छाते  में ऊन सीते हैं.।। समाज में उनका हीं दबदबा है  जो वैभव से भरे हैं...

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...