अबध मा बिराजे रघुनन्दन।
अपना का बधाई अभिनन्दन।।
पूर देस डूबा उराव मा।
नगर नगर औ गांव गांव मा।।
अस्तुति करैं राम कै जनजन।
दुनिया देखिस सीना छप्पन।
अउ भारत का सहज बड़प्पन ।।
नैनन निरख्यन ऐतिहासिक छन ।।
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान। जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।। आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके ...
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