यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 21 जनवरी 2024

 अबध मा  बिराजे रघुनन्दन। 
अपना का बधाई अभिनन्दन।। 

पूर   देस   डूबा   उराव  मा। 
नगर नगर औ गांव गांव मा
अस्तुति करैं राम कै जनजन। 

दुनिया   देखिस  सीना छप्पन।
अउ भारत  का सहज बड़प्पन 
नैनन निरख्यन ऐतिहासिक छन । 



  
    

कोई टिप्पणी नहीं:

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...