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गुरुवार, 28 दिसंबर 2017
संकलित लोक कथा
पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे समझाया बेटा एेसा नही करना चाहिये।वह बालक अनसुना करके चलते बना।दूसरे दिन पुन: उसी स्थिति में देख कर बुजुर्ग ने सोचा कि इस बालक के पिता जी से ओरहन दिया जाय।शायद अपने बाप की बात मान ले। वे उस बालक के पिता जी से ओरहन देने जा रहे थे तो वे देखते हैं कि उस लड़के का बाप घूम घूम कर लघुशंका कर रहा था।वे अपना हांथ सिर पर रख कर वापस आ गये। हे!!शारदा माई रक्षा करें
बुधवार, 25 अक्टूबर 2017
शनिवार, 14 अक्टूबर 2017
गुरुवार, 14 सितंबर 2017
मंगलवार, 12 सितंबर 2017
रोजी कै बात कर
रोजी कै बात कर रोटी का बात कर.
गरीब हें निपरदा लगोटी कै बात कर।।
त्रहि त्राहि मची ही पानी कै देस मां
, नाहक न बहैं पाबै टोंटी कै बात कर।।
भरे कंठ माही बिक्ख नीलकंठ बन,
समाज माही सीलासपोटी कै बात कर।।
भले कल्लाथै पै कुतकुती तो ही,
भउजाई केर चींथी चिकोटी कै बात कर।।
जे आने क खनिस गड़बा आपै सकाय गा,
नीकी हेर निंदा न खोटी कै बात कर।।
बलार के गरे मां घंटी न बांध हंस
पिंजरा बंद मिठ्ठू चित्रकोटी कै बात कर।।
हेमराज हंस भेंड़ा मैहर मप्र ९५७५२८७४९०
शुक्रवार, 4 अगस्त 2017
उई पहुंचे ससुरार
बघेली दोहे
1
राखी टठिया मा धरे बहिनी तकै दुआर।
रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार।।
2
खजुलैया लइके मिला लडकइया का प्रेम।
देखतै जिव हरिआय गा बिसरा सगला नेम।।
3
सनकिन सनकी बात भै आगू पाछू देख।
आँसू माही भीज गय तब काजर कै रेख ।।
4
हाथे मा मेंहदी रची लगा महाउर पाँव।
सावन मा गामै लगा कजरी सगला गांव।।
हेमराज हंस --मैहर म प्र 95757490
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