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गुरुवार, 15 मार्च 2018

रचनाकार: हेमराज त्रिपाठी की बघेली कविताएं

रचनाकार: हेमराज त्रिपाठी की बघेली कविताएं: बघेली कविता श्री वाणी वंदना  1 .............................. हे मातु शारदे संबल दे तै निरबल छिनीमनंगा का। मोरे देस कै शान बढै औ बाढै मान...

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कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...