यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 14 जून 2024

मंगलवार, 11 जून 2024

गुरुवार, 6 जून 2024

गाड़ी का पंचर भा चक्का।

गाड़ी का पंचर भा  चक्का। 

नाचय लागें चोर उचक्का।।


कहूं पायगें गें एकठे टोरबा 

लगें सबूत देखामय छक्का। ।


जे हें  फेल  उइ  हे उराव मा 

भा जे पास वा हक्का बक्का।। 


अजिआउरे का थाका पाइन 

थरह  रहें थइली  मा मक्का।।

 

उनखी   बातैं  आला  टप्पू 

सुनसुन के बिदुराथें कक्का। ।


देखि  रहें  जे   कबरे सपना

हंस  खुली उनहूँ का जक्का। ।

हेमराज हंस

***************************** 

 टोरबा = बालक 

अजिआउरे = दादी का मायका 

थाका  = निःसंतान की संपत्ति 

थरह = पौधशाला 

आला टप्पू =  बिना अनुभव, बिना सोचे-विचारे, 

कबरे = रंगीन 

जक्का = विवेकशून्य स्थिति, 


बुधवार, 5 जून 2024

आदरनीय अमोल जी, लेब बधाई खूब।

आदरनीय अमोल जी, लेब बधाई खूब।
होय अबरदा सौ बरिस, लगय आप कै ऊब।।

बाघेली साहित्य के, अपना हन आदर्श।
रिमही आकरन ब्याकरन गरु बिचार बिमर्श।।

छाँह देय का बरा अस, निर्मल हिदय उदार।
आसा ही पाउत रहब, अपना केर दुलार। ।
 

पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...