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शुक्रवार, 14 जून 2024

बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : हम आहेंन वहै करी थे किरिआ।।

बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : हम आहेंन वहै करी थे किरिआ।।:  कहूं गिर गै चिन्हारी  नहात बिरिआ।  हम  आहेंन   वहै करी  थे  किरिआ।।   बिसरि  गयन  अपना   वा  प्रेम  का।  जइसन      बिस्वा  मित्र -   मेनका ...

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श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...